त्रिशला था।आपका विवाह यशोंदा नाम की कन्या से हआ था,इसके पश्चात एक पुत्री को जन्म दिया जिसका नाम प्रियदर्शनी था।
आपको ४२ वर्ष की उम्र में केवल्यज्ञान प्राप्त किया था।आापने ७२ वर्ष की उम्र में ( ईसा से ५२७ पूर्व ) पावापुरी में निर्वाण प्राप्त
किया था।यह स्थान पटना रेलवे स्टेशन से ९४ किलो मीटर की दूरी पर है।यह स्थान विहार प्रान्त के शहर (विहार शरीफ़ ) ज़िला
नालन्दा में स्थित है।यह पावापुरी तीर्थ में भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण स्थल जहाँ भगवान के पूज्य चरण स्थल को जलमन्दिर
के नाम से भी जाना जाता है।पावापुरी, जिसे पावा भी कहा जाता है।यह जैन धर्म के मतावलंबियों के लिये एक अत्यंत पवित्र शहर है,क्योंकि माना जाता है कि भगवान महावीर स्वामी जी को यहाँ ही मोक्ष प्राप्त हुआ था।यहाँ के जलमन्दिर की शोभा देखते ही बनती है।पूरा शहर केमूर की पहाड़ियों पर बसा हुआ है।
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