Monday, 22 April 2019
Saturday, 13 April 2019
नवकार मंत्र की महिमा:------------
नवकार मंत्र है महामंत्र,इस मंत्र की महिमा भारी।
आगम में कथी गुरूवर से सुनी,अनुभव में जिसे उतारी है।।
'अरिहंताणं' पद पहला है,अरि आर्ति दूर भगाता है।
'सिद्धाणं' सुमिरन करने से,मनवांछित सिद्धि पाता है।।
'आयरियाणं' तो अष्टसिद्धि,नवनिधि के भंडारी हैं।।नवकार१।।
'उवज्झायाणं' अज्ञान तिमिर हर,ज्ञान प्रकाश फैलाता है।
'सव्वसाहूणं' सब सुखदाता,तन मन को स्वस्थ बनाता है।
पद पाँच के सुमिरन करने से,मिट जाती कर्मबीमारी है।।नवकार२।।
जय जय जय जयकार,परमेष्टी !
जय जय भविजन-बोध-विधाता,
जय जय आत्म-शुद्धि विधाता !
जय भव-भंजन हार,परमेष्टी---
जय सब संकट चूरण कर्ता,जय सब आशा पूरण कर्ता ।
जय जग-मंगलाकार,परमेष्टी----
तेरा जाप जिन्होंने कीना,परमानन्द उन्होंने लीना ।
कर गये खेवा पार,परमेष्टी-----
लीना शरणा सेठ सुदर्शन,सूली से बन गया सिंहासन ।
जय जय करे नर-नार,परमेष्टी----
द्रौपदी-चीर सभा में हरना,तब तेरा ही लीना शरना।
बढ़ गया चीर अपार,परमेष्टी-----
सोमा ने तुम सुमिरन कीना,सर्प फूल-माला कर दीना ।
वर्ते मंगलाचार,परमेष्टी -----
'अमर' शरण में सम्प्रति आया,श्रद्धा की सुमनाज्लि लाया ।
शीघ्र करो उद्धार,परमेष्टी --------
आध्यात्मिक एवं धार्मिक प्रेरणा के स्रोत :---
पूज्य गुरूदेव राष्ट्रसंत उपाध्याय कवि श्री अमर मुनि जी म.सा.
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