जब अलविदा हो,हिन्द से इन्साफ जन्नत को गये ,
मखलूक़ की इम्दाद करने,तीन बेटे रह गए !
सबसे बड़े रिसवतअली, मझले शिफारिसखान हैं ,
छोटे खुशामतवेग हैं, जिनकी निराली शान है !
हरबसर की कामयाबी, बस इन्हीं के साथ है। ,
हर मुसीबत दूर रहती, जिनपे इनका हाथ है !
क़त्ल के जु्र्म में भी, रिसवतअली की जीत है ,
सख्त हाकिम मौम हो जाता, उसी की जीत है !
खुशामत गोदी में ले, पुचकार----------------
जी हजूरी सीखले , फिर चाहे जो व्यापार कर !!